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27 नवंबर 2015

हिन्द के गद्दार ............हितेश कुमार शर्मा



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                                                                                                       सर्व धरम पर  समदर्शी भाव , है  हिन्द  ह्रदय  विशाल 
है तुच्छ सोच उनकी जो उठाते असहिष्णुता  के सवाल 
शांत प्रिय जीवन यहाँ का , और सुरक्षित है हर दीवार 
पर इसकी विकास की राहों में , रोड़े अटकाते कुछ गद्दार 
जिन्हे दिल में बसाया , वो ही दिल में खंजर चुभोते  हैं 
हिन्द प्रेम का बदला वो नफरत की भाषा से चुकाते  हैं 
देश द्रोही घोषित करो उनको , नहीं जिन्हे राष्ट्र से प्यार 
होगा भला अगर छीन लो उन से,  यहाँ रहने का अधिकार 
धन- दौलत और शोहरत के ढेर पर जिनको है बैठाया 
विष घोल कर दूध में ,  उन्होंने हमें है पिलाया 
हैं कोई इस दुनिया में जो हिन्द को आँख दिखा सके 
है कोई जो इसकी  सहनशीलता  को  मिटा  सके 
हैं गद्दार, जो शांत और शीतल जल पर पत्थर मार रहे हैं 
और भाई चारे की दीवार को जो जड़ से उखाड़ रहे हैं 
राष्ट्र- हित में अब हर भारतीय को अपना फ़र्ज़ निभाना होगा 
कर बहिष्कार ऐसे लोगो का,  उनको सबक सिखाना होगा 
हितेश कुमार शर्मा 

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