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18 मई 2014

दिल्ली में है सत्ता बदली...अनुराग तिवारी




अब जब कि यह स्पष्ट है कि दिल्ली में निज़ाम बदल रहा है, श्री नरेन्द्र मोदी को बधाई और शुभकामनाओं सहित पेश है अभी अभी लिखी एक ताज़ा कविता।


दिल्ली में है सत्ता बदली,
परिवर्तन की चली बयार।
लेकिन क्या कुछ बदल सकेगा,
अपने भी जीवन में यार।

अच्छे दिन आने वाले हैं,
लेकिन किसके? पूछ रहा मन।
मँहगाई की सुरसा से कुछ
पॉकेट में बच पायेगा धन।

क्या बदलेगी भ्रष्ट व्यवस्था,
कम होंगे दफ़्तर के चक्कर।
बिन पैसे के फ़ाईल बढ़ेगी,
साईन करेगा उसपर अफ़सर।

जनता क्या चाहे? केवल कुछ
बुनियादी सुविधाएँ।
बाकी सबकी अपनी किस्मत,
मेहनत और आशाएँ।

सत्ता तक पहुँचाने वाली,
जनता है, यह याद रहे।
अपने स्वार्थ, अहं से ऊपर,
जनता की आवाज़ रहे।

जनता के प्रति अपने वादे,
भूल न जाना राजा जी।
वरना इस कुर्सी की केवल,
पाँच बरस है वॉरन्टी।
[रचनाकार आदरणीय श्री
- सी ए. अनुराग तिवारी
         वाराणसी]

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