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8 मार्च 2014

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मातृशक्ति को नमन



मातृशक्ति को नमन कर रहे महिला दिवस है आज।
सुखमय होगा संसार अगर नित पूजे इन्हें समाज।।
नारी का मत करो निरादर नारी समाज की जान।
जहां-जहां हो इसकी पूजा, वहां-वहां रमते भगवान।।
अबला नहीं ये सबला है, यह है शक्ति का पुण्य प्रतीक।
इससे ही परिवार है चलता, बनता है घर भी रमणीक।।
कही परिचारिका, मां, कहीं पत्नी, कहीं ये प्यारी बहना है।
इसका तिरस्कार मत करना, नारी समाज का गहना है।।
यह है तो ममता है, है सेवा और सरसता इससे प्यार है।
इसके कदमों में ही स्वर्ग है, आंखों में भरा दुलार है।।
इसे सजा लो, दिल में बसा लो, यह है फूल गुलाब का।
प्यार की खुशबू से भर जायेगा, घर-आंगन जनाब का।।
जो नारी का करें अनादार, इसको जो भी सताते हैं।
वे पापी दुख भोग धरा पर, रौरव नरक को जाते हैं।।
इसे प्यार, सत्कार दीजिए, और दीजिए इतना मान।
पत्थर को क्या पूजना, इन्हें मान लीजै भगवान।।
नारी से ही जन्में राम, कृष्ण औ मुनि अति ज्ञानी।
वेद-पुराणों में भी वर्णित, नारी की दिव्य कहानी ।।
नारी सुख का आगार अगर ये बात जान जाये संसार।
दुख मिटेगा, सुख बरसेगा, घर-घर में बस होगा प्यार।।
                              -राजेश त्रिपाठी
              


 

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